Electric Vehicle Sales in India: कुल वाहनों में 2 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री, क्या बंद हो जाएंगे पेट्रोल पंप?

Electric Vehicle Sales in India । इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिहाज से साल 2021 भारत के लिए काफी शानदार रहा है। इस साल जनवरी से लेकर अगस्त माह तक की बात की जाए तो कुल बिकने वाली कारों में दो फीसदी की हिस्सेदारी Electric Car की रही है। इसका एक कारण यह भी है कि देश के कई राज्यों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने के लिए नीति जारी कर दी है। असम और उड़ीसा जैसे 7 राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर सब्सिडी का  ऐलान किया है। दिल्ली में तो Electric Vehicle की बिक्री इतनी ज्यादा हो रही है कि सरकार को सब्सिडी खत्म करने का ऐलान करना पड़ा।

क्या पेट्रोल पंप पर आएगा संकट? 

Electric Vehicle की बढ़ती बिक्री के साथ अक्सर यह सवाल पूछा जाता है कि निकट भविष्य में पेट्रोल पंपों पर संकट आ सकता है? इस सवाल का जवाब इन आंकड़ों के साथ समझा जा सकता है। देश में वर्ष 2019 में करीब 65000 पेट्रोल पंप थे और बीते 10 साल देश में पेट्रोल पंपों की संख्या में हर साल 5 फीसदी की वृद्धि हुई है। भारत में ऊर्जा जरूरतों और बढ़ते उत्पादन के कारण तेल की मांग लगातार बढ़ रही है और निकट भविष्य में भी इसकी कमी होने की संभावना नहीं है। हाल ही में ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद के एक शोध में जानकारी दी गई है कि आने वाले 10 साल में भारत के यात्री वाहन और दोपहिया वाहनों के स्वामित्व के 3 गुना और 2.2 गुना बढ़ने की संभावना है।

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तेजी से बढ़ेगी Electric Vehicle की हिस्सेदारी

भारत में Electric Vehicle की बिक्री मौजूदा रफ्तार से ही होती रही तो साल 2030 तक Electric Vehicle की हिस्सेदारी बढ़कर 30 फीसदी हो सकती है। तेल आयात को कम करने के लिए सरकार खुद Electric Vehicle को प्रोत्साहित कर रही है। दूसरी ओर साल 2030 तक यात्री सड़क परिवहन क्षेत्र से तेल की मांग मौजूदा मांग से दोगुनी हो जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक देश को अगले दशक में 80000 नए पेट्रोल पंप खोलने की जरूरत होगी, इसलिए यह भी कहा जा सकता है कि पेट्रोल से चलने वाले वाहनों और Electric Vehicle की इंडस्ट्री समानांतर खड़ी हो सकती है।

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Electric Vehicle की बिक्री बढ़ी तो भी पेट्रोल पंपों जरूरी

साल 2030 तक भारत में भले ही Electric Vehicle की बिक्री 30 फीसदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हो, लेकिन इसके बावजूद देश को 60,000 नए पेट्रोल पंप खोलने की आवश्यकता होगी। ऊर्जा जरूरतों के कारण देश में ईंधन की मांग दोगुनी होगी, ऐसे में महानगरों के बाद टियर 2 और टियर 3 शहरों में मांग में अच्छी वृद्धि दर्ज होने की संभावना है। छोटे शहरों में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं होने के कारण लोग निजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं और यही कारण है कि अब छोटे शहरों में भी Electric Vehicle की मांग हो रही है।

दोपहिया  और तिपहिया Electric Vehicle की ज्यादा बिक्री

बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में Electric Vehicle की बिक्री बहुत तेजी से दर्ज की जा सकती है। फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दोपहिया-तिपहिया वाहनों में 80 प्रतिशत, टैक्सी बिक्री में 70 फीसदी, यात्री वाहनों की बिक्री में 40 फीसदी और निजी कारों की बिक्री में 19 फीसदी तक पहुंच जाए, लेकिन फिर भी भारत में पेट्रोल और डीजल की मांग लगातार बढ़ेगी, इसलिए पेट्रोल पंपों पर फिलहाल किसी भी तरह का संकट नहीं आएगा, जबकि पेट्रोल पंपों अपडेट होकर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोलने की दिशा में भी कदम बढ़ाएंगे।

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