Clean Air Catalyst: पीथमपुर जैसे इंडस्ट्रियल एरिया के सामने वायु प्रदूषण बड़ी चुनौती, रहवासियों को हो रही कई परेशानी

Clean Air Catalyst। बढ़ते औद्योगीकरण के कारण ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण जैसी समस्या के चलते लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या लगातार बढ़ रही है। विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के कारण लोगों को फेफड़ों व दिल से संबंधित दिक्कतें देखने को मिल रही है। यदि इस समस्या पर तत्काल ध्यान नहीं दिया तो आने वाली पीढ़ियां कई गंभीर बीमारियों के साथ ही पैदा होंगी। इसी के मद्देनजर हाल ही में Clean Air Catalyst, Internews की ओर से इंदौर में मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसमें पत्रकारों को पर्यावरण पत्रकारिता का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से पीथमपुर के इंडस्ट्रियल एरिया का दौरा किया गया था, जहां पत्रकारों में वायु प्रदूषण से प्रभावित इलाकों व कॉलोनियों का दौरा कर लोगों का हाल जाना। आपको बता दें कि पीथमपुर इंदौर से लगभग 31 किमी दूर बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है और धार जिले के नजदीक है। यहां पर्यावरण प्रदूषण के कारण पीथमपुर के सेक्टर-1 में स्थिति काफी चिंताजनक थी।

वायु प्रदूषण से रहवासियों को सांस लेने में दिक्कत

Clean Air Catalyst की मीडिया कार्यशाला के दौरान पत्रकारों ने यहां रहने वाली अलग-अलग कम्युनिटी के लोगों के बात की और वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभावों को जाना। इनमें से अधिकतर वहीं पीथमपुर में फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारी भी थे, जिन्होंने अपनी आपबीती हमें बताई। इस दौरान लता अडलक नाम की एक महिला ने पत्रकारों को बताया कि वह करीब 10 साल से पीथमपुर में रह रही हैं इन्हें और इनके परिवार को कई सांस संबंधित तकलीफ हो रही है। आसपास की फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण परिवार के कुछ सदस्यों को सांस संबंधी दिक्कत बनी रहती  है, साथ ही बच्चे को सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या हर माह बनी रहती है।

पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में बदबू की समस्या

पीथमपुर में रहने वाले लोगों ने बताया कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट व प्रदूषित गैसों के कारण इलाके में बदबू की समस्या बनी रहती है। यहां रेसिडेंशियल एरिया के 100-500 किमी. के दायरे में ही इंडस्ट्रीज हैं, जिनसे लगातार घरों में भी बदबू आती रहती है। पीथमपुर में एक फैक्ट्री में कार्य कर रहे अभिषेक भावसार बताते हैं कि वे 25 साल से यहां कार्य कर रहे हैं उन्हें सांस की समस्या के साथ ही हार्ट, लीवर की परेशानी भी बनी रहती है। उनके बच्चे भी अधिकतर बीमार रहते हैं।

फैक्ट्रियां नाले में बहा रही कचरा

पीथमपुर विजिट के दौरान पत्रकारों ने जब रहवासी क्षेत्र का दौरा किया तो उन्होंने पाया कि अधिकांश फैक्ट्रियां अपना कचरा नाले में बहा देती है, जिसके चलते आसपास के लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती है। पीने के पानी के साथ ही यहां का ड्रेनेज सिस्टम ठीक तरह से काम नहीं करता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ कंपनियां अपने एरिया में वायु प्रदूषण को मापने वाला AQI सिस्टम का प्रयोग नहीं कर रही हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं है।

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