
सोनल चौरे Indore Air Pollution। इंदौर शहर ने स्वच्छता के मामले में भले ही पूरे देश के सामने मिसाल कायम कर दी है लेकिन यहां के इंडस्ट्रियल एरिये में अभी भी कई रहवासी कॉलोनियों भयावह प्रदूषण की शिकार हो रही है। इंदौर के आसपास राऊ, मऊ और पीथमपुर में एक बड़ी आबादी औद्योगिक इकाइयों के आसपास बसी है और कल-कारखानों से निकलने वाले प्रदूषण से सभी परेशान हैं। वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर घरेलू महिलाओं पर होता है। इंदौर शहर के पास स्थित पीथमपुर मध्य प्रदेश का भी सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है और यहां महिलाओं की स्वास्थ्यगत परेशानियों को साफ देखा जा सकता है।
रहवासी इलाके में छा जाता है फैक्ट्रियों का धुआं
पीथमपुर के सेक्टर-3 में बुजुर्गों को फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से सबसे ज्यादा परेशानी होती है। यहां बुजुर्ग व महिलाएं जब सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकलती है तो आसपास स्थित स्टील फैक्ट्रियों का काम भी शुरू हो जाता है और इससे निकलने वाले धुएं के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है। वहीं पीथमपुर में ही रहने वाली लता अडलक ने बताया कि वह करीब 10 साल से पीथमपुर में रह रही हैं। फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के कारण उन्हें व परिवार के अन्य सदस्यों को सांस संबंधित तकलीफ हो रही है। बच्चों को भी सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या हर माह बनी रहती है।
पीथमपुर में लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च
पीथमपुर के सेक्टर-3 में रहने वाले कई लोग वायु प्रदूषण से परेशान है। यहां के लोगों का कहना है कि उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा अस्पताल और दवाओं पर खर्च हो रहा है। करीब 3 स्टील फैक्ट्रियों के बीच रहने वाली क्षमा दुबे का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट व प्रदूषित गैसों के कारण इलाके में बदबू की समस्या बनी रहती है, इन्हीं कारणों से उनके पति नर्मदा प्रसाद दुबे को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन होती है। पीथमपुर में ही अभिषेक भावसार बीते 25 साल से काम कर रहे हैं और उन्हें भी सांस की समस्या के साथ ही हार्ट, लीवर की परेशानी भी बनी रहती है। ऐसे में सैलरी का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च हो जाता है। पीथमपुर में जब 25 से ज्यादा परिवारों से इस बारे में चर्चा की गई तो सभी ने वायु प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याओं का जिक्र किया।
विभाग बोला, प्रदूषण इतना नहीं कि तबीयत खराब हो जाए
वहीं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पीथमपुर इलाके में API आमतौर पर सामान्य स्तर पर रहता है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग में प्रयोगशाला प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे डॉ. दिलीप कुमार वाघेला बताते हैं कि पीथमपुर में प्रदूषण रोकने के लिए कारखाने कारगर कदम उठाते हैं, लेकिन कई स्थानों पर ऐसा नहीं होता। विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी कांति चौधरी ने कहा कि पीथमपुर में प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब नहीं है, जिससे किसी के स्वास्थ्य पर असर पड़े।
Leave a Reply