महाभारत से जुड़ी चार ऐसी कथाएं, जिनके सबूत आज भी अस्तित्व में

महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण ने धनुर्धर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जिनका श्रवण और पाठन आज भी होता है। 

इस साल गीता जयंती का पर्व 3 दिसंबर 2022 को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

कुरुक्षेत्र की भूमि पर हुए इस धर्म-युद्ध की कुछ ऐसी भी गाथाएं हैं, जिनके साक्ष्य आज भी प्रत्यक्ष रूप से मौजूद हैं। 

कुरुक्षेत्र में पुरातत्व सर्वेक्षण में महाभारत काल के कई अवशेष प्राप्त हुए हैं जिनमें बाण, भाले इत्यादि चीजें शामिल हैं। 

कुरुक्षेत्र में आज भी एक प्राचीन कुआं मौजूद है, जहां कर्ण ने युद्ध के समय चक्रव्यूह की रचना की थी और अभिमन्यु को धोखे से मार दिया था।

महाभारत में बताया गया है कि घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक इतने बलशाली थे कि वह युद्ध में केवल तीन बाण लेकर उतरे थे। 

श्री कृष्ण को यह पता था कि बर्बरीक अगर युद्धभूमि में उतरे तो कुछ मिनटों में ही युद्ध खत्म हो जाएगा। 

इसलिए भगवान कृष्ण ने एक ब्राह्मण का वेश धारण कर बर्बरीक से उनका शीश दान में मांग लिया। 

बर्बरीक के धड़ को युद्ध क्षेत्र से दूर रखा गया था और जिस स्थान पर उनका धड़ रखा गया, वहां आज खाटू श्याम जी का मंदिर है। 

यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में है और यहां लाखों की संख्या में भक्त खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं।

महाभारत युद्ध के दौरान ही हनुमान जी और भीम के बीच भेंट हुई थी। यह स्थान वर्तमान में उत्तराखंड में जोशीमठ से लगभग 25 किमी दूर हनुमान चट्टी पर हुई थी। 

महाभारत में गुरु द्रोण के पुत्र अश्वत्थामा ने अर्जुन पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि सिंधु घाटी के विनाश का यही कारण था।