Electric Vehicles Subsidy। इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ देश में कई राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है। लेकिन इसके उलट दिल्ली सरकार ने Electric Car की खरीद पर अब तक दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है। गौरतलब है कि दिल्ली में अब इलेक्ट्रिक व्हीकल में बिक्री तेजी से हो रही है, यही कारण है कि दिल्ली सरकार ने यह फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने बताया है कि बीते कुछ महीनों के दौरान राजधानी दिल्ली में Electric Vehicles के रजिस्ट्रेशन (E Vehicle Registration) में काफी तेजी आई है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने बताया है कि दिल्ली सरकार ने Electric Vehicles पर दी जाने वाली सब्सिडी को आने नहीं बढ़ाने का फैसला किया है क्योंकि दिल्ली में ई-कारों (E Car) को सब्सिडी देने के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए Electric Vehicles को बढ़ावा देने की जरूरत है।
आपको बता दें दिल्ली में अभी तक Electric Vehicles पर 1.5 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही थी। दिल्ली सरकार ने बीते साल अगस्त में ही अपनी Electric Vehicle Policy पेश की थी। दिल्ली में अभी तक 1000 Electric Car को सब्सिडी दी जा चुकी है।
दिल्ली सरकार ने बैटरी की क्षमता के आधार पर सब्सिडी देने का ऐलान किया था। दिल्ली में अभी तक जो Electric Vehicle Policy लागू थी, उसके मुताबिक इलेक्ट्रिक कारों के लिए 10 हजार रुपए प्रति kWh थी और इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए तय की गई थी। साथ ही रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ कर दिया गया था।
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परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत कहा कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक कारों को छोड़कर अन्य Electric Vehicle पर सब्सिडी जारी रहेगी। दिल्ली में Electric टू-व्हीलर की खरीदी पर 30000 रुपए तक की सब्सिडी दे रही है। Electric Vehicle Policy के तहत टू-व्हीलर पर सब्सिडी की दर 5000 रुपए प्रति KWH निर्धारित की गई है।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण इन दिनों एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मांग बढ़ रही है और केंद्र और राज्य सरकारें भी देश में Electric Vehicle की खरीदी को प्रोत्साहित कर रही है। दरअसल Electric Vehicle प्रदूषण कम करने के साथ-साथ ज्यादा किफायती भी होती है।
पेट्रोल व डीजल गाड़ियों की तुलना में Electric Vehicle कम खर्च में ज्यादा माइलेज देते हैं, यही कारण है कि देश में तमाम सरकारें इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीदी को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी दे रही है। दिल्ली सरकार ने भले ही इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी खत्म कर दी हो लेकिन केंद्र सरकार के अलावा देश के अन्य राज्यों में ईवी पॉलिसी (EV Policy) के तहत सब्सिडी दी जा रही है।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सब्सिडी का फायदा लेकर वाहन काफी कम कीमत पर खरीदा जा सकता है। Electric Bike की कीमत तो दोनों सब्सिडी का फायदा लेने के बाद करीब 50 फीसदी कम हो जाती है। आइए जानते हैं Electric Vehicle की खरीदी पर देश के किस राज्य में कितनी सब्सिडी दी जा रही है –
Electric Vehicle में सबसे अहम पार्ट्स कार या बाइक की बैटरी ही होती है और बैटरी पर केंद्र सरकार फिलहाल भारी भरकम सब्सिडी दे रही है। सभी Electric Vehicle की कीमत में करीब आधी कीमत बैटरी की ही होती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी को प्रोत्साहित करने के केंद्र सरकार की तरफ से सभी Electric Bike और Electric Auto पर प्रति किलोवाट 10 से 15 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सब्सिडी राशि की अधिकतम सीमा वाहन की कुल कीमत के 40 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
Electric 2 wheeler पर सब्सिडी देने में गुजरात फिलहाल सबसे आगे हैं क्योंकि यहां बैटरी की क्षमता पर प्रति किलोवाट 10 हजार रुपए तकी सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में यदि आप गुजरात में Electric 2 Wheeler खरीदते हैं तो अधिकतम 20 हजार रुपए तक की सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही गुजरात सरकार ने भी Electric Vehicles के रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ कर दिया है लेकिन रोड टैक्स फिलहाल लिया जा रहा है।
महाराष्ट्र की Electric Vehicles Policy के तहत निर्माता और ग्राहकों के फायदों का ध्यान रखा गया है। महाराष्ट्र से भी यदि आप Electric Vehicles खरीदने की योजना बना रहे हैं तो काफी सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं क्योंकि यहां भी प्रति किलो वॉट 5000 रुपए का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र की ग्राहक चाहे जितने भी किलो वॉट की बैटरी का इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदें, उन्हें अधिकतम 10000 रुपए तक का फायदा दिया जाएगा।
उत्तराखंड में Electric Vehicles पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन इसका अधिकतम लाभ सिर्फ 7500 रुपए तक ही लिया जा सकता है। दरअसल उत्तराखंड में प्रति किलो वॉट बैटरी के हिसाब से सब्सिडी नहीं दी जा रही है। उत्तराखंड में किसी भी इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर के खरीदने पर उसकी कीमत की 10 फीसदी राशि सब्सिडी के तहत दी जा रही है और इसकी अधिकतम सीमा 7500 रुपए निर्धारित कर दी गई है।
पश्चिम बंगाल में भी Electric 2 Wheeler खरीदना फायदा का सौदा हो सकता है क्योंकि यहां राज्य सरकार ने Electric 2 Wheeler की खरीदी पर प्रति किलोवॉट 10000 रुपए तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। साथ ही अधिकतम सब्सिडी का सीमा 20 हजार रुपए निर्धारित की गई है। इसका मतलब ये है कि यदि आप तीन किलोवॉट बैटरी वाला भी कोई Electric 2 Wheeler खरीदते हैं तो 20000 रुपए की ही सब्सिडी मिलेगी।
देश में फिलहाल कुछ 13 राज्य Electric 2 Wheeler की खरीदी पर सब्सिडी दे रहे हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इस सभी राज्यों में Electric Vehicles Subsidy Policy में काफी असमानता है लेकिन सबसे अधिक बेहतर पॉलिसी गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली की बताई जा रही है।
हरियाणा में भी Electric 2 Wheeler की खरीदी पर सब्सिडी देने का ऐलान कर दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसें और इलेक्ट्रिक ऑटो चलाने की भी घोषणा कर दी है।
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