EV Charging Station Policy: आधी कीमत पर जमीन दे रही सरकार, जानिए किस राज्य में क्या योजना

EV Charging Station Policyइलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की जरूरत कुछ समय बाद सभी को होगी क्योंकि जैसे जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियां बढ़ेगी तो इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी होगी। भारी वाहनों और अधिक रेंज के वाहनों के लिए लगभग 100 किलो वॉट के क्षमता वाले चार्जर की जरूरत होगी। जैसे-जैसे पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, वैसे ही लोगों का रुख इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर पर्यावरण को प्रदूषण से बचने के लिए अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलाना ही बेहतर विकल्प होगा। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए जगह-जगह पर चार्जिंग स्टेशन की जरूरत भी बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि आप Electric Vehicle चार्जिंग स्टेशन खोलते हैं तो लाखों कमाई कर सकते हैं। Electric Vehicle Charging Station खोलने के लिए कुछ नियम और शर्तों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है, आइए जानते हैं विस्तार से –

राजस्थान में चार्जिंग स्टेशन के लिए आधी कीमत पर सरकार दे रही जमीन

जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री बढ़ रही है, चार्जिंग स्टेशन की डिमांड भी बढ़ने लगी है और केंद्र व राज्य सरकार भी चार्जिंग स्टेशन को प्रोत्साहित कर रही है। यही कारण है कि चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए कहीं सब्सिडी दी जा रही है तो किसी राज्य कम कीमत पर उपकरण, मशीनरी और जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। अब राजस्थान सरकार ने भी फैसला किया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए कंपनियों को आधी कीमत पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में राजस्थान में अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा एक प्रस्ताव नगरीय निकायों के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जा रहा है। हालांकि सरकार ने आधी कीमत पर जमीन देने का लाभ पहले 500 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनियों को भी देने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में पहले ही 73 चार्जिंग स्टेशन लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

Electric Vehicle Charging Station केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की गाइडलाइन

– पब्लिक Electric Vehicle Charging Station खोलने के लिए ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इसके लिए महत्वपूर्ण सभी इंफ्रास्ट्रक्चर में सभी जरूरी सबस्टेशन उपकरण के साथ एक ट्रांसफॉर्मर का होना भी जरूरी है। इस ट्रांसफॉर्मर में विशेष तौर पर 33/11 किलो वोल्ट केबल, प्लग इन नोजल और सुरक्षा का ख्याल रखते हुए सर्किट ब्रेकर होना आवश्यक होगा। 

– इसके अलावा PCS में एक इलेक्ट्रिक कियोस्क होना चाहिए, जिसमें चार्जिंग पाइंट हो। पब्लिक चार्जिंग स्टेशन में भारी वाहनों के लिए 100 किलो वोल्ट के दो चार्जर होना जरूरी है। 

– Electric Vehicle Charging Station में फास्ट चार्जर सुविधा होना भी जरूरी है, इसे इंस्टॉल करने के लिए चार्जिंग स्टेशन पर लिक्विड कूल्ड केबल का उपयोग करना होगा।

– Electric Vehicle Charging Station खोलने के लिए इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर से क्लीयरेंस लेना जरूरी होगा। यह इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर लोकल डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी द्वारा नियुक्त होते हैं। इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर Charging Station खोलने से पहले पूरी तरह से जांच पड़ताल करके ही क्लीयरेंस देगा। 

– Charging Station खोल रहे हैं तो ऑनलाइन नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ना होगा, जिससे गाड़ी चार्ज करने के लिए एक निश्चित समय के अनुसार ऑनलाइन बुकिंग करना आसान होगा। चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए यदि खुद की जमीन नहीं ले सकते हैं तो किराए पर या लीज पर जमीन ले सकेंगे, जिसके लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। साथ ही चार्जिंग स्टेशन के सभी उपकरण ISO प्रमाणित होना चाहिए।

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Electric Vehicle Charging Station में खोलने में 17 लाख खर्च

यदि आप Electric Vehicle Charging Station खोलना चाहते हैं तो इसके लिए 300 से 500 वर्ग की जमीन होना आवश्यक है, जिसमें कम से कम दो से तीन कारें एक ही बार में चार्ज की जा सके। एक Fast Charging Station इंस्टॉल करने के लिए बिजली, मेंटेनेंस, चार्जिंग उपकरण और सिविल वर्क सभी को मिलाकर करीब 16 से 17  लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है। यदि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन खोलने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए ऊर्जा विभाग से संपर्क कर पता कर सकते हैं। 

सस्ता होगा Electric Vehicle से सफर करना

गौरतलब है कि जैसे जैसे पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, Electric Vehicle की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है। Electric Vehicle से प्रदूषण की समस्या भी नहीं होगी और चार्जिंग करना भी सस्ता होगा, जिससे खर्चा काफी कम होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह से सब्सिडी भी दी जा रही है। फिलहाल दिल्ली और गुजरात सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर सबसे ज्यादा सब्सिडी दे रही है। प्रति किलोमीटर खर्च के हिसाब से देखा जाए तो इलेक्ट्रिक वाहनों में 0.80 रुपए का भार आएगा, वहीं Electric Vehicle में मेंटेनेंस का खर्च भी काफी कम होता है। 

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